आँखों पर पट्टी ना बांध अपने वर की आँख बनती। आँखों पर पट्टी ना बांध अपने वर की आँख बनती।
हर मनुष्य खुद सच्चा जाने जब इसे कम से कम एक बार तो जी पाए। हर मनुष्य खुद सच्चा जाने जब इसे कम से कम एक बार तो जी पाए।
कुरुक्षेत्र का सुदीर्घ मैदान सरसों के पीले फूलों से लदा हुआ। कुरुक्षेत्र का सुदीर्घ मैदान सरसों के पीले फूलों से लदा हुआ।
सतकर्मों की पोटली, भवसागर से पार। सतकर्मों की पोटली, भवसागर से पार।
तुम्हारा खड़ा होना, मेरे मन की चौखट पर और मेरे इंतजार का बिखरना, तुम्हारे पैरों के नीचे एक ... तुम्हारा खड़ा होना, मेरे मन की चौखट पर और मेरे इंतजार का बिखरना, तुम्हा...
बेटे के भविष्य को संवारने उसने लड़ी अंतहीन लड़ाई है। बेटे के भविष्य को संवारने उसने लड़ी अंतहीन लड़ाई है।